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उसके रोने की आवाज से, ताहा को कुछ खास असर नहीं हुआ, उसने उसके बाजुओं को पकड़ा और आंखो में खून लिए चिल्ला पड़ा, " अब तुम्हे बीबी होने का फर्ज नहीं निभाना? क्या बिस्तर पर अपने शौहर को इनकार कर रही हो?"
घबराई हुई दुआ, ताहा के इस बरताव पर रो भी ना सकी, उसने ताहा के सीने पर हाथ रख के उसे खुद से दूर धकेला और उठ कर बिस्तर के कोने पर सिमट गई, " ताहा अपने मेरी ओर कदम बढ़ाया तो मैं घरवालों को बता दूंगी कि आपका रवैया मेरे साथ जिस तरह का है।"
"बेहतरीन उपाय है, जाओ कह दो।", ताहा संभालते हुए बोला, सहमी हुई दुआ के गाल आंसुओं से भींग गए, उसने ताहा से नजरें फेर ली। उसे अपने ही शौहर से घृणा होने लगी थी। ताहा उसके दिल में तब से था, जब से उन दोनो का निकाह हुआ था, पर आज उसे सच में अफसोस हुआ कि उसने ताहा को चाहा।
ताहा के सुंदर चेहरे पर ठंडक का भाव था। उसकी आँखें काली और ठंडी लग रही थीं। जब वह उसके पास से गुजरा, तो उसने दुआ पर एक नज़र भी नहीं बख्शा। उसने अपना कॉलर ढीला किया और बिना किसी हड़बड़ी के खड़ा कुछ सोचता रहा।
दुआ ने कंबल को अपनी मुट्ठी में कस लिया। उसने गहरी साँस ली और अपने अगले शब्दों पर ध्यान से विचार किया, फिर धीरे से कहा, " ताहा..ऐसा क्यों कर रहे हो? हमारा निकाह हुआ है...हम बीवी हैं आप..."
ताहा ने पीछे मुड़ने से पहले अपने शर्ट को ठीक किया, फिर उसने अपनी भौंहें उठाई और अपनी आँखें दुआ पर टिका दीं। दुआ ने सहज रूप से बात करना बंद कर दिया।
ताहा के हाव-भाव से उसकी भावनाएँ ज़ाहिर नहीं हो रही थीं, लेकिन उसकी आँखों में नफरत के भाव स्पष्ट थे, हालाँकि, दुआ को उससे निकलने वाली एक अवर्णनीय और प्रभावशाली आभा महसूस होने लगी थी, जिससे वह बहुत ज्यादा बेचैनी महसूस कर रही थी।
ताहा की नज़रे धीरे-धीरे दुआ के असाधारण सुंदर चेहरे पर घूम गईं। जब उसने देखा कि वह घबराने लगी है, तो उसके होठों के कोने धीरे-धीरे ऊपर उठे, और उसने जवाब दिया, "निकाह? क्या तुम इसी निकाह की बात कर रही हो? जो मेरी मर्जी के खिलाफ बचपन में तब कर दिया गया, हम मेरी उम्र खेलने और पढ़ने की थी? तुम्हारे साथ हुए इस निकाह के कारण जमाना मुझ पर कितना हंसता था तुम जानती हो?"
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अव्यान इस गुस्से में था कि श्रव्या ने उनके बच्चे को मार डाला और अब क्लब में शराब और सिगरेट पी रही है। उसने अपना जैकेट उतारकर सोफे पर फेंक दिया और सफेद शर्ट के बटंस खोलते हुए उसकी ओर आया।
श्रव्या उस आदमी के उदास और ठंडे चेहरे को देखकर काँप उठी, "अव्यान, यहाँ से चले जाओ!", वह डर के मारे पीछे हट गई।
अव्यान ने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए, फिर तीखी आवाज के साथ अपनी बेल्ट खोल दी।
श्रव्या दौड़कर दरवाजे की ओर गई और एक बार फिर अव्यान उसे पकड कर वापस बिस्तर पर ले आया।
"मेरे ऊपर से हट जाओ!", श्रव्या ने उसे घूर कर देखा, उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे।
अव्यान ने उसके प्रतिरोध को नजरअंदाज किया और वह उसके होंठो को चूमने ही वाला था कि श्रव्या रोते हुए गुस्से से बोली, "मेरे पास से हट जाओ.. मुझे तुमसे घिन आ रही है इस वक्त। मै नहीं जानती कि तुम पिछले एक महीने से कियारा के साथ किस रिश्ते में थे! पर अब मेरे बॉडी के साथ खेलना बंद कर दो... मै तुम्हारी बीवी हूं, उस कियारा की तरह रखैल नहीं। जो जब मन चाहा मुझे इस्तमाल करोगे और फिर अकेला कर के चले जाओगे।"
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श्रव्या को उम्मीद नहीं थी कि अव्यान यहां आएगा, इसलिए वो उसे यहां देख थोड़ा हैरान हो गई।लेकिन, जब अव्यान ने उससे नजरें फेर की तो उसे फिर से बुरा लगा।
हालांकि, उसने खुद को रोने से रोका और ड्रेसर के पास चली गई। फिर, सीट पर बैठ कर अपने हाथों में लोशन लगाते हुए आइने में अव्यान को देखती रही।
श्रव्या हॉस्पिटल में अव्यान द्वारा किए बरताव की भूली नहीं थी, इसलिए उसे भी अव्यान से बात करने का दिल नहीं कर रहा था। लोशन लगाने के बाद वो बिस्तर पर एक साइड हो कर लेट गई और फोन में एंजाइटी रिलीफ म्यूजिक लगा कर, आवाज इतनी रखी कि बस वही सुन सके।
कुछ ही देर में उसे नींद आ गई। अव्यान ने उसे बिना खाए, पीए सोया हुआ देखा तो, लगा जैसे उसका दिल बाहर आ जाएगा। वो सोफे से उठा, बिस्तर के करीब गया और बिना कोई आहट किए बेड पर चढ़ कर लेट गया।
कमरे में हल्की रौशनी थी, जिसमें उसने श्रव्या की पतली काया देखी और खुद में सोचा, " अबोर्शन के बाद तो तुम्हे खुश होना चाहिए था ना...तुम इतनी दुबली कैसे हो गई? क्या खाती नहीं, खुद का ख्याल नहीं रखती? कब तक लापरवाह रहोगी?....आखिर तुमने मेरे बच्चे अबोर्ट क्यों कर दिया?"
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श्रव्या अव्यान की जानलेवा नज़र देखकर हैरान थी। श्रव्या के मासूम और बोधात्मक चेहरे को देखकर अव्यान खुद पर काबू नहीं रख पाया और अपने बड़े हाथों से उसकी पतले गर्दन को जकड लिया।
"अव्यान, तुम पागल हो गए हो क्या? ", श्रव्या चौंक गई, उसे समझ नहीं आया कि अव्यान उसका गला क्यों घोटना चाहता था? या वो कोई ख्वाब देख रही थी।
"मैं पागल हो गया हूँ? श्रव्या, मुझे उम्मीद नहीं थी कि तुम इतनी क्रूर हो जाओगी!" अव्यान की आँखें लाल हो गई, घृणा से भरी हुई। अजन्मे बच्चे के बारे में सोचते हुए, उसने श्रव्या के गले पर, अपने हाथ का दबाव बढ़ा दिया।
वह सोचता था कि श्रव्या मासूम, प्यारी, जीवंत और आकर्षक लड़की थी। लेकिन वो क्रूरता की सारी हद पार कर सकती थी, इस बारे में सोच कर अव्यान का गुस्सा बढ़ता गया, उसने नॉटी को मार डाला, कंपनी की रिसर्च लैब से चोरी की और आज चुपके से उनके बच्चे का अबॉर्सन करा दिया।
अव्यान को आज मालूम हुआ कि वह किसी व्यक्ति का गलत आकलन भी कर सकता है, गले पर असहनीय जकड़न से श्रव्या सांस नहीं ले पा रही थी, उसका चेहरा लाल हो रहा था।
अपने पैरों को जोर से पटकते हुए, श्रव्या मदद के लिए पुकारना चाहती थी, लेकिन आवाज़ नहीं निकाल पा रही थी, इन सब में उसे सबसे बड़ा सदमा तो इस बात का लगा की अव्यान उसे मारना चाहता था? उसकी आंखो से आंसू की बुंद फिसली। लेकिन, इससे पहले कि श्रव्या को एहसास हुआ कि वह बेहोश होने वाली है, अव्यान ने उसे छोड़ दिया।
"मैंने ऐसा क्या किया है...कि तुम मुझे...मारना चाहते हो?", खांसते हुए श्रव्या ने धीमी आवाज में कहा।
उन दोनो के बीच आते हुए कियारा ने श्रव्या को दोषी बनाते हुए कहा, "श्रव्या, चाहे तुम कितनी भी नाराज़ क्यों न हो, तुम अपने गर्भ में पल रहे बच्चे का चुपके से अबॉर्शन नहीं करवा सकती थी। माना कि तुम्हे अव्यान पर गुस्सा था, लेकिन इसमें उस बच्चे का क्या कसूर था? उस मासूम बच्चे की... बेचारा नन्हीं सी जान, इस दुनिया में आने से पहले ही अपनी माँ द्वारा मारा गया। तुमने कभी सोचा नहीं कि तुम्हे कभी भगवान के पास भी जाना है।"
कियारा की बातों से अव्यान के दिल में फिर से गुस्सा फूटा और उसकी आँखें पहले से अधिक लाल हो गई, उसने गुस्से से बिस्तर पर पड़ी, कमजोर और स्तब्ध श्रव्या को देखा।
"कियारा, तुम किस बारे में बात कर रही हो?", श्रव्या ने आश्चर्य भाव से पूछा। उसके गर्भ में बच्चा था? और उसने उसे मार डाला? इन बातों का आखिर मतलब क्या था? आज सुबह तक वो जानती भी नहीं थी कि वो प्रेग्नेंट है, फिर कियारा किस तरह की बातों से अव्यान का ब्रेनवॉश कर रही थी, क्या ऐसा हुआ कि सीढ़ियों पर गिरने की वजह से उसने अपना बच्चा खो दिया और बड़ी चालाकी से कियारा ने उसके मिसकैरेज को अबोर्शन का नाम दे दिया। लेकिन, अव्यान उसकी बातों में कैसे आ सकता था...इस बारे में सोच कर श्रव्या का सिर दर्द से फटने लगा।
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रितिका सिंगला
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Neeru Kapoor
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Seema 03666
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