*** दूसरी ओर अगस्त्य अब भी ईरांशी के पास बैठा था। वह अब तक आँखें बंद किए लेटी हुई थी, और उसे होश नहीं आया था। अगस्त्य की आँखें नम थीं, उसकी नज़रें बस ईरांशी पर टिकी हुई थीं।
डॉक्टर लगातार उसे चेक कर रहे थे, मगर कोई हरकत कोई हलचल नहीं दिखी। आखिरकार डॉक्टरों ने मान लिया कि ईरांशी कोमा स्टेट में चली गई।
“मिस्टर राणावत, हम अब और कोशिश नहीं कर सकते। इन्हें एक दिन से भी ज़्यादा होने को है, पर इनके शरीर में अभी तक एक भी मूवमेंट नहीं हुई। हमें बेहद दुख है, लेकिन आपको मानना होगा कि मिस मल्होत्रा अब कोमा स्टेट में जा चुकी हैं। लेकिन अगर भगवान ने चाहा तो ये जल्द ठीक हो सकती हैं… या फिर साल भी लग सकते हैं… और शायद कभी नहीं।”
ये शब्द एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने कहे, जो उम्र में बड़े और तजुर्बेकार लग रहे थे। उन्होंने अगस्त्य के कंधे पर हल्के से थपथपाया और कमरे से बाहर चले गए।
अगस्त्य ईरांशी का हाथ थामे हुए था। उसकी आवाज़ रुंधी हुई थी,“प्लीज़, लाडो… अपनी आँखें खोल दो। प्लीज़…” इसी बीच, राणावत मेंशन के बाहर एक कार आकर रुकी। उसमें से काले कोट पहने एक नौजवान उतरा और अंदर की ओर बढ़ा। मगर आश्चर्य की बात अंदर कोई नहीं था।
०००
अब क्या करेगा अगस्त्य? और वो नौजवान आखिर कौन था...? जानने के लिए पढ़िए आज का चैप्टर... राधे राधे 💗💗💗।।।
Jyoti
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Renuka Arora
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Aradhya Mishra
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Ishu Perjapati
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