Hey family.... जैसा कि मैंने बंधन ( एक मर्यादा ) वाली नॉवेल के रीसेंट चैप्टर में बताया था कि, मेरा डाटा लॉस हुआ जिसमें मेरी तीन साल से लिखी सारी रचना। चली गई।
तीस से ऊपर कहानी के प्लॉट, गाना, गज़ल, नज़्म, कविताएं, शायरी, लोक गीत। सब... मैं उनके रिकवर में ही थी कुछ एक दो गीत ऊपर हुए लेकिन बांकी की चीजें नहीं आईं।
मन हुआ छोड़ देने का, अब नहीं लिखूंगी लेकिन! ये तो असंभव है। मैं खुश होने पर लिखती हूं मैं दुखी होने पर लिखती हूं। मैं पीड़ा महसूस करूं तब लिखती हूं, मैं उत्साह महसूस करूं तब लिखती हूं। मेरे लिए लिखना ही मेरा अस्तित्व है। मैं लिखना नहीं छोड़ सकती।
मैंने गैप लिया ताकि संभाल पाऊं। काफी हद तक संभल गई हूं। वो जो गया उसका कसक रह जायेगा हमेशा के लिए क्योंकि वो एक हिस्सा था, एक पल था। जिसे शब्दों में बांधा था मैंने वो सब चला गया।
लेकिन मैं कल से बंधन के चैप्टर दूंगी। कल बड़ा चैप्टर होगा। बाकी उम्मीद है आप समझेंगे।
janeeb ji, golu ji, Renu ji, sapna ji। और भी रीडर ने समझा है आप सबको धन्यवाद। बाकी गैप के लिए माफी भी मांगती हूं। कल से कहानी आएगी ये पक्का है। ☺️
आपकी लेखिका
✍️ शालिनी चौधरी।
मैं वो तो नहीं जो पहले थी कभी,
मिलना मिलाना अब भाता नहीं,
दर्द- ए- दिल सुना दूं किसी को,
कोई तो अब इस लायक नहीं,
लिख देती हूं मन की बात कागज़ पर,
शायद कोई पढ़ ले, जो गुम है नहीं !
✍️ शालिनी चौधरी
Jainab Parveen
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Anu Garg
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Aryan Singh
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