जुड़ जाती हूं मैं अक्सर खुद की तन्हाई में कोई नहीं है यहां जो समझ सके मुझे मेरे ही रुसवाई में ....
मंजिल तो मिली नहीं मुझे रास्ते चुन कर भी क्या कर लूंगी मैं ,? अधूरे तो आज भी है हम कोई लुट जाए फिर से एक बार मोहब्बत के नाम पर ,,,
सुन तेरे साथ साथ तेरा प्यार भी झूठा लगता है और तुमसे जुड़े हर एक एहसास भी ,,,,,,
किसी को इतना भी बड़ा बेवकूफ न बनाए अपने मोहब्बत के नाम पर, आखिर कब तक रुके इंसान कोई रिश्ते में, कभी तो छोड़ जायेगा समझदार बनकर,,,,,
जुड़ जाती हूं मैं तुमसे अक्सर , पता नहीं क्या हो जाता है मुझे उस वक्त ? रोती बहुत हूं फिर तुम्हे याद करती हूं बंद आंखों से तुझे सीने से भी लगाती हूं ....
क्या आप वाकई मित्रता समाप्त करना चाहते हैं?
क्या आप वाकई इस सदस्य को अपने परिवार से हटाना चाहते हैं?
आपने पोक किया है Manishakri2822001
आपकी परिवार सूची में नया सदस्य सफलतापूर्वक जोड़ा गया!
टिप्पणी सफलतापूर्वक रिपोर्ट की गई।
पोस्ट को आपकी टाइमलाइन में सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया था!
आप अपने 1000000 मित्रों की सीमा तक पहुंच गए हैं!
फ़ाइल आकार त्रुटि: फ़ाइल अनुमत सीमा (92 MB) से अधिक है और इसे अपलोड नहीं किया जा सकता है।
आपका वीडियो संसाधित किया जा रहा है, जब यह देखने के लिए तैयार होगा तो हम आपको बताएंगे।
फ़ाइल अपलोड करने में असमर्थ: यह फ़ाइल प्रकार समर्थित नहीं है।
हमने आपके द्वारा अपलोड की गई छवि पर कुछ वयस्क सामग्री का पता लगाया है, इसलिए हमने आपकी अपलोड प्रक्रिया को अस्वीकार कर दिया है।
छवियों, वीडियो और ऑडियो फ़ाइलों को अपलोड करने के लिए, आपको प्रो सदस्य में अपग्रेड करना होगा। प्रो में अपग्रेड
meera shah
टिप्पणी हटाएं
क्या आप वाकई इस टिप्पणी को हटाना चाहते हैं?