"REBORN TO CHANGE YOUR DESTINIY"
***राजकुमार शौर्य की ENTYRY की एक झलक:
लोग उसे सिर्फ "श्रापित राजकुमार" और "मौत का सौदागर" इन्हीं नामों से कहकर बुलाते थे। कोई भी उसे, उसके असली नाम तक से नहीं बुलाता था। आज कई सालों बाद वह महल वापस लौट रहा था। उसके आने की खबर से ही लोगों में एक दहशत का माहौल सा बन गया। घोड़ो के दौड़ने की आवाज़ आती है, और एक सैनिक चिल्लाता हुआ कहता है, "पीछे हट जाओ! पीछे हट जाओ! राजकुमार आ रहें हैं.......!!"
तभी बाज़ार में भगदड़ मच जाती है, और लोग अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगते हैं और जल्दी-जल्दी अपनी दुकानों को बंद करने लगते हैं। वह बच्चे, जो अभी रास्ते में खेल रहे थे, वह भी डरकर एक लकड़ी की चारपाई के पीछे छुप जाते हैं। उनमें से एक बच्चा थोड़ा उचक्कर रास्ते की तरफ से आते हुए लोगों को देखने की कोशिश करता है और देखता है घोड़े पर बैठे सैनिकों का काफिला अब उस रास्ते से गुज़र रहा है, और उनके बीच वह "शापित राजकुमार" भी है।
अब हमें उस राजकुमार का चेहरा दिखाई देता है। यूं तो राजकुमार बहुत ही ज्यादा आकर्षण और मनमोहक था। कोई भी उसे देखे तो बस देखता ही रह जाए, लेकिन इस वक्त वह किसी खूंखार भेडिये जैसा लग रहा था। उसके चेहरे पर एक अलग सा, गंभीर भाव था, जो हर खुशी, हर गम से परे था। राजकुमार की आंखें काली, गहरी, बड़ी-बड़ी थी, जिन्हें अगर कोई देखे तो डर ही जाए, लेकिन उनमें उसके अस्तित्व को लेकर कई सवाल थे। घोड़े पर चलते हुए राजकुमार के लंबे काले बाल हवा में इस तरह से उड़ रहे थे, कि मानो जैसे कोई कलाकार हवा में ही अपनी कलाकृति बना रहा हो। राजकुमार ने गहरे काले रंग के कपड़े पहने हुए थे। यह दूसरे राजकुमारों की शाही पोशाक से बिल्कुल अलग थे। राजकुमार के उस रास्ते पर निकलने की वजह से सारे बाज़ार में सन्नाटा सा छा गया, मानो जैसे वहाँ उसके अलावा कोई और हो ही न। उस सन्नाटे में घोड़ो के चलने की आवाज़ भी साफ सुनाई दे रही थी। राजकुमार को देखकर एक बच्चा अपनी धीमी सी आवाज़ में बोल पड़ता है, "मौत का सौदागर....शापित राजकुमार!!"
क्योंकि बाज़ार में सन्नाटा बिखरा हुआ था, इसलिए उस बच्चे की हल्की सी आवाज़ भी राजकुमार के कानों तक पहुंच जाती है। राजकुमार तुरंत ही अपनी घोड़े की लगाम खींच कर उसे रोकता है। राजकुमार को यूं बीच में रुकता देख बाकी सैनिक भी अपना घोड़ा रोक लेते हैं। राजकुमार अपनी नज़रे तिरछी करके माथे पर बल डालते हुए घोड़े से नीचे उतरता है। यह देखकर वह बच्चा डरकर नीचे झुक जाता है।
राजकुमार बच्चे के पास जाता है। वह अपना एक पैर ज़मीन पर रखता है, तो दूसरे पैर को थोड़ा मोड़ कर घुटने के बल रखकर बैठता है और उस बच्चे की तरफ़ घूरते हुए देखता है। वह बच्चा एक नज़र उठाकर राजकुमार को देखता है, और फिर अपनी नज़र नीचे ज़मीन की तरफ़ कर लेता है। राजकुमार को अपने इतना करीब बैठा देख वह बच्चा डर से कांपने लगता है। बच्चे के हाथ में एक गेंद होती है, जो हाथ कांपने की वजह से ज़मीन पर गिर जाती है और राजकुमार के पास चली जाती है। राजकुमार उस गेंद को अपने हाथ में उठा लेता है। वह बच्चे की तरफ अभी भी वैसे ही देख रहा था। बच्चा डर की वजह से बुरी तरह कांप रहा था। उस बच्चे की राजकुमार की तरफ अब दोबारा देखने की हिम्मत ही नहीं होती, इसलिए वह अपनी नज़रें नीचे ज़मीन की तरफ ही किए हुए था। बच्चे की तरफ घूरते हुए देखकर, राजकुमार गेंद को 2-3 बार ज़मीन पर पटकता है, और पकड़ता है, जैसे वह अभी इस गेंद से खेल रहा हो। फिर वह उस बच्चे से बिना कुछ कहे ही, गेंद हाथ में लिए खड़ा हो जाता है, घोड़े की तरफ बढ़ता है, और उसके ऊपर बैठकर, चुपचाप वहां से चला जाता है। राजकुमार के साथ ही बाकी सैनिकों का काफिला भी महल की तरफ आगे बढ़ जाता है।
राजकुमार के वहां से चले जाने के बाद अब उस बच्चे की जान में जान आती है। तभी एक आदमी उस बच्चे के पास आता है, और उसे डांटते हुए कहता है, "क्या तुम मृत्युदंड पाना चाहते हो लड़के? जो तुम ऐसे राजकुमार की आंखों में देख रहे थे?" वह बच्चा अभी भी डर से काँप रहा था।
Kartik Ōñ
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Snehal mohite
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Rati Agarwal
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Kushi
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