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प्लीज ऐसा मत करो। मेरा बेबी मुझे दे दो। मै उ..

"प्लीज ऐसा मत करो। मेरा बेबी मुझे दे दो। मै उसके बिना नहीं रह सकती।" अक्षिता अपने घुटने के बल बैठी रो रही थी।


वाही उसके सामने खड़ा शख्स जिसे अक्षिता के रोने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। "रहना सीखो क्युकी अब तुम्हारा अक्ष तो तुम्हे कभी नहीं मिलेगा।" उस शख्स के ये शब्द अक्षिता के दिल को चिरने के लिए काफी थे।



आगे क्या होगा जानने के लिए पढ़िए मेरी novel Stubbornness of junoon.



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चार साल पहले टूट चुकी अक्षिता जिसने अपना सब कुछ खो कर करती है अपनी ज़िंदगी की नई शुरुआत अपने बेटे के साथ। वाही अक्षत खुराना एक बेरेहम बिज़नेस मैन और एक प्ले बॉय जिसे प्यार नाम से नफरत है। जिसकी नफरत की सज़ा आज तक अक्षिता काट रही है। क्या होगा जब चार साल
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