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सिया की आवाज़ सुन रिवांश से रहा नहीं गया और वो रूम..

सिया की आवाज़ सुन रिवांश से रहा नहीं गया और वो रूम में भाग कर सिया के पास आया और उसको गले से लगाते हुए बोला, "तरस गया था तेरे मुँह से 'भाई' सुनने को!"

सिया ने भी उसे कस कर गले लगाते हुए अपने भरे गले से कहा, "भाई, मुझे माफ़ कर दो! मैंने आपको कितना ग़लत समझा, लेकिन आपने हमेशा मेरा साथ दिया!"

"अगर राघव मुझे ना बताते तो मुझे तो कुछ पता ही नहीं चलता।" यह सुन रिवांश, राघव की तरफ़ अपनी ख़तरनाक आँखों से देखते हुए बोला, "लगता है मिस्टर राघव, आप शादी से पहले ही नहीं, अपनी बीवी के गुलाम बन रहे हो।" यह सुन राघव हकलाते हुए बोला, "बॉस, मै वो..."

उसको यूँ डरता देख सिया अपने भाई को डांटते हुए बोली, "भाई, ख़बरदार आपने मेरे राघव जी को कुछ कहा! उनकी ग़लती नहीं है, वो तो मैं आपके बारे में भरा-बुरा बोल रही थी, तो ये अपने बॉस की बुराई नहीं सुन सके!"

"कुछ ज़्यादा ही प्यार करते हैं अपने बॉस से।"

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