chapter 5 ( मैं कोई चीज नही हु)
स्पर्श उसकी बात सुनकर एकदम से उसका हाथ पकड़कर उसको अपनी और खींचा और कहा “ कोशिश करके देख लो …. इस दुनिया के किसी भी कोने में जाकर चुप जाओ पर मुझसे नहीं चुप सकती। तुम सिर्फ मेरी हो …. और मैं अपनी किसी भी चीज को खुद से कभी दूर नहीं करता ।”
शहर उसके आंखों में देखकर कहती है “ मैं कोई चीज नहीं हूं।”
तो स्पर्श और भी जुनूनियत से कहता है “ तुम कोई चीज नही हो उससे भी जादा हो , जरूरत हो तुम मेरी। तो अब ये सब बकवास करना बंद करो और चलो मेरे साथ ओके… मैं तुम्हे ड्रॉप कर दूंगा।”
शहर उसे मुंह टेरा करके कहती है “ तो क्या मैं इस स्कूटी को शीर पर चढ़ा कर ले जाऊं? अगर तुम तुम ले जा सकते हो तो बोलो … और अगर भी ले जा सकते तो मेरी चबी वापस करो , वैसे भी तुम्हारे साथ जाना ही खतरे से खाली नहीं और वो भी बंद कर में। मैं अपनी स्कूटी में ही सेफ हूं।”
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Soniya Kishori
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Kartik Ōñ
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